किया अब पति-पत्‍नी के साथ घर में ही रह सकेगी ‘वो’ भी: लोक अदालत

VIRAL NEWS: हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हो रही थी कि, अब पति की प्रेमिका जोड़ों के साथ रह सकती है। तो आईए देखते है, क्या है अदालतों के आदेश?

लोक अदालत के एक अनूठे फैसले के अनुसार, 'पति और पत्नी' अब घर में रह सकेंगे। जब हम इस तथ्य पर शोध कर रहे थे, तब हमें एक लेख मिला जो वर्ष 2013 में आज तक समाचार द्वारा प्रकाशित किया गया था।

किया अब पति-पत्‍नी के साथ घर में ही रह सकेगी ‘वो’ भी: लोक अदालत

लोक अदालत के शनिवार को आए इस फैसले के तहत धार्मिक नगरी ओंकारेश्वर के मांधाता निवासी पति बसंत माहूलाल और पत्नी शांति के साथ बसंत के साथ पिछले दस साल से ‘लिव इन रिलेशनशिप’ में रह रही रामकुमारी भी एक ही घर में रहेगी.

लोक अदालत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिव इन रिलेशनशिप की मान्यता को देखते हुए यह फैसला सुनाया है। उसे अपने पार्टनर का आधा घर, खेत और जमीन भी मिलनी चाहिए। इस फैसले में सबसे अनोखी बात यह है कि पति एक कमरे में रहेगा, जो घर के बीच में ही रहेगा। दूसरी तरफ एक कमरे में पत्नी और दूसरे कमरे में 'वह' होगी। दोनों कमरों में खुलेगा पति के कमरे का दरवाजा पति का कमरा दोनों तरफ से पंद्रह दिन तक खुलेगा।

खंडवा में हुई लोक अदालत ने समझौते के आधार पर मकान, खेत और पति को भी दोनो के बीच बराबर के हक के साथ बांट दिया है. पत्नी शांति ने दो साल पहले अपने पति बसंत माहूलाल की अदालत में शिकायत की थी कि उसने लगभग 10 साल से उसके अलावा एक दूसरी महिला रामकुमारी से ‘लिव इन रिलेशनशिप’ का रिश्ता कायम किए है और उसे घर में ही रख लिया है. मामला परिवार परामर्श केन्द्र में भी गया, लेकिन वहां कोई हल नहीं निकल सका. लोक अदालत के विशेष न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने इसकी जांच कराई.

जांच रिपोर्ट में घरेलू हिंसा होना पाया गया. तब पति बसंत और ‘लिव इन रिलेशन’ पार्टनर रामकुमारी को नोटिस जारी हुआ. महिला का पति बिजली विभाग में लाइनमैन है. उसने लोक अदालत में कहा कि ‘लिव इन रिलेशनशिप’ अदालत की नजर में भी पाप नहीं है. इसलिए हमारी शर्तो पर भी ध्यान दिया जाए.

लोक अदालत के विशेष न्यायाधीश गंगाचरण दुबे ने तीनों पक्षों की आपसी सहमति के बाद उक्त समझौता कराया.

Post a Comment

Previous Post Next Post